त्रियुंड ट्रेक वैसे तो आसान है लेकिन एक दिन में आना-जाना पड़े तो गुर्दों का कफ बाहर आ जाता है । इस ट्रेक की खास बात यह है कि 2-3 घंटे की जी-तोड़ और कमरतोड़ मेहनत के बाद आप धौलाधार के बिल्कुल सामने पहुंच जाते हो । इतना पास कि बात कर लो, हम दो बन्दरलस्टियों कुछ हफ्तों पहले त्रियुंड को समिट किया था ।
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Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
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